क्या नई कार पर 90% लोन लेना समझदारी है?

नई कार खरीदना एक महत्वपूर्ण निर्णय होता है, और इसके लिए कई लोग लोन का सहारा लेते हैं। अगर आपको बैंक या वित्तीय संस्थान 90% तक लोन ऑफर कर रहा है, तो यह एक आकर्षक विकल्प लग सकता है। हालांकि, इसे बिना सोचे-समझे लेना उचित नहीं होगा। इस तरह के लोन के फायदे और नुकसान दोनों होते हैं, जिन्हें ध्यान में रखकर ही आपको फैसला लेना चाहिए।

1. कम डाउन पेमेंट, ज्यादा लोन बोझ

90% लोन का मतलब है कि आपको केवल 10% राशि ही डाउन पेमेंट के रूप में जमा करनी होगी। यह आपके लिए कम शुरुआती खर्च वाला विकल्प हो सकता है, लेकिन इसका मतलब यह भी है कि आपकी लोन राशि काफी बड़ी होगी। ज्यादा लोन लेने का मतलब है कि आपको लंबे समय तक लोन चुकाना पड़ेगा, और ज्यादा ब्याज भी देना पड़ेगा।

2. उच्च ईएमआई का बोझ

जब आप 90% लोन लेते हैं, तो आपकी ईएमआई (मासिक किस्त) भी अधिक होती है। इसका सीधा असर आपके मासिक बजट पर पड़ सकता है। अगर आपकी आय स्थिर नहीं है या पहले से ही कई वित्तीय जिम्मेदारियां हैं, तो ज्यादा ईएमआई का बोझ आपको आर्थिक रूप से परेशान कर सकता है। इसलिए यह सुनिश्चित करें कि आपकी ईएमआई आपकी आय का एक उचित हिस्सा हो, ताकि आप समय पर भुगतान कर सकें।

3. ब्याज दर का असर

जितना अधिक लोन आप लेंगे, उतना ही ज्यादा आपको ब्याज चुकाना पड़ेगा। 90% लोन लेने पर कुल ब्याज राशि भी अधिक हो जाएगी, खासकर अगर लोन की अवधि लंबी हो। उदाहरण के लिए, अगर आप 5 साल के लिए लोन लेते हैं, तो ब्याज की राशि काफी बढ़ सकती है, जिससे आपकी कार की कुल लागत भी बढ़ जाएगी।

4. लोन की अवधि पर ध्यान दें

अगर आप 90% लोन लेते हैं और उसे चुकाने के लिए ज्यादा समय लेते हैं, तो ब्याज की रकम और भी बढ़ जाएगी। इसलिए लोन की अवधि को समझदारी से चुनें। यदि आप लोन की अवधि को कम रखते हैं, तो आपकी ईएमआई ज्यादा होगी, लेकिन आप ब्याज कम देंगे। वहीं, लंबी अवधि में आपको ईएमआई कम दिखेगी, लेकिन कुल ब्याज अधिक हो जाएगा।

5. बीमा और अन्य खर्चे

जब आप 90% लोन लेते हैं, तो आपको कार की बीमा राशि और अन्य खर्चे जैसे प्रोसेसिंग फीस, डॉक्यूमेंटेशन फीस आदि खुद से भरने होते हैं। साथ ही, नई कार का बीमा भी महंगा हो सकता है, और यह आपको हर साल चुकाना होता है। इन खर्चों को भी ध्यान में रखकर ही लोन का फैसला करें।

6. रीसेल वैल्यू और डिप्रिसिएशन

नई कार खरीदते ही उसकी वैल्यू गिरने लगती है, जिसे डिप्रिसिएशन कहा जाता है। अगर आप 90% लोन लेकर कार खरीदते हैं, तो रीसेल वैल्यू कम होने पर आपको नुकसान हो सकता है। इसका मतलब है कि अगर आप भविष्य में कार बेचते हैं, तो आपको उतनी कीमत नहीं मिलेगी जितनी आपने लोन के ब्याज सहित चुकाई होगी।

7. आपकी आर्थिक स्थिति का मूल्यांकन

90% लोन लेने से पहले अपनी आर्थिक स्थिति का सही-सही मूल्यांकन करें। अगर आपकी आय स्थिर है और आप बिना किसी दिक्कत के हर महीने ईएमआई चुकाने में सक्षम हैं, तो यह एक अच्छा विकल्प हो सकता है। लेकिन अगर आपकी आय अनिश्चित है या भविष्य में बड़े खर्चों की योजना है, तो आपको इस विकल्प पर दोबारा सोचना चाहिए।

निष्कर्ष

नई कार पर 90% लोन लेना तब तक समझदारी है जब तक आप इसे चुकाने की क्षमता रखते हैं और आपके ऊपर कोई अतिरिक्त वित्तीय बोझ नहीं आता। यह विकल्प शुरुआती खर्च को कम करता है, लेकिन लंबी अवधि में यह महंगा साबित हो सकता है। इसलिए, लोन लेने से पहले ब्याज दर, ईएमआई, और कुल लागत का सही-सही आकलन करें और सुनिश्चित करें कि यह आपकी आर्थिक स्थिति के अनुसार हो। अगर आप अच्छे से प्लानिंग करके लोन लेते हैं, तो यह आपके लिए फायदे का सौदा हो सकता है।

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